पटना जंक्शन के मुख्यद्वार पर अवस्थित ऐतिहासिक "महावीर मन्दिर पूर्वी भारत का एक महत्त्वपूर्ण मन्दिर है। विगत अनेक वर्षों से यह मन्दिर विभिन्न आध्यात्मिक एवं सामाजिक कार्यों में संलग्न रहा है। अपने विभिन्न जनोपयोगी कार्यक्रमों के द्वारा यह मन्दिर समाज के सभी वर्गो की पीड़ा और कठिनाइयों को दूर करने के लिये सक्रिय है।
महावीर मन्दिर प्रबंधन समिति द्वारा जनता के लाभार्थ पांच अस्पताल कार्यरत हैं जिसमें से पटना के फुलवारीशरीफ अवस्थित महावीर कैंसर संस्थान एवं शोध केन्द्र भारत का एक महत्त्वपूर्ण एवं आधुनिक कैंसर अस्पताल है। गरीबों एवं जरूरतमंद लोगों की कठिनाइयों को देखते हुए इस संस्थान की स्थापना जनसेवा की भावना से समर्पित एवं दूरदर्शी श्री महावीर स्थान न्यास समिति के सचिव आचार्य किशोर कुणालजी ने की। महावीर कैंसर संस्थान एवं शोध केन्द्र कैंसर रोगियों को मानवीय संवेदनाओं से प्रेरित होकर कैंसर रोग की आधुनिकतम पद्धति से उपचार प्रदान करता है। यह बिहार में कैंसर का एकमात्र Super Speciality Hospital है।
महावीर कैंसर संस्थान एवं शोध केन्द्र की स्थापना का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में एक ऐसे कैंसर संस्थान की स्थापना करना था, जहाँ, धर्म, जाति, गरीब-अमीर, ऊँच-नीच एवं रंग के बिना कैंसर रोगियों को आधुनिकतम चिकित्सा एवं उपचार सुविधा एक ही छत के नीचे उपलब्ध कराई जाये। पूर्वोत्तर भारत की यह गौरवशाली संस्थान आज बिहार में ही नहीं अपितु विदेशों में भी एक समुन्नत एवं सम्पूर्ण कैंसर चिकित्सा के लिये सुविख्यात हो गया है। यहां कैंसर की सम्पूर्ण चिकित्सा एक छत के नीचे होती है। पूर्वोत्तर भारत का यह एकमात्र कैंसर संस्थान है जहाँ बिहार के अलावे बिहार के पड़ोसी राज्यों और पड़ोसी देशों (नेपाल और बंगलादेश) से भी कैंसर मरीज यहाँ इलाज कराने आते हैं। आज टाटा मेमोरियल अस्पताल मुम्बई के बाद सर्वाधिक कैंसर रोगियों की चिकित्सा करने में दूसरे नम्बर पर इस अस्पताल का नाम आता है।
महावीर कैंसर संस्थान में इलाज करा रहे जरूरतमंद मरीजों को आर्थिक सहायता निम्नलिखित रूप में दी जाती है।
1) महावीर मन्दिर पटना की जनहित-कार्य-योजना से मुफ्त इलाज : महावीर मन्दिर न्यास समिति के सचिव आचार्य किशोर कुणालजी के पहल पर 18 वर्ष तक के कैंसर से पीड़ित बच्चों का इलाज मुफ्त किया जा रहा है।
⇒ वयस्कों को 10 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है।
⇒ बिहार के बाहर से आये हुए कैंसर मरीजों को महावीर मन्दिर से विशेष अनुदान राशि दी जाती है।
⇒ सभी भरती मरीजों को तीन बार निःशुल्क भोजन कराया जाता है। लगभग 500-550 मरीज प्रतिबार भोजन करते हैं।
2) अस्पताल प्रबंधन : अस्पताल प्रशासन द्वारा भी अत्यंत गरीब मरीजों को अलग से छूट दी जाती है।
3) बिहार सरकार का अनुदान (केवल बिहार के निवासियों लिए)
वैसे रोगी, जिन्हें बिहार राज्य के निवासी प्रमाण-पत्र प्राप्त है तथा उनकी वार्षिक आय रु. 2,50,000 तक है तो उन्हें “मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष” से 80 हजार से एक लाख रुपये तक मदद की जाती है। मरीजों के सुविधा के लिए आवेदन संस्थान में ही जमा किया जाता है, जिसे अस्पताल प्रबन्धन द्वारा सचिवालय में जमा कर दिया जाता है।
4) भारत सरकार का अनुदान प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से भी कैंसर मरीजों को मदद देने का प्रावधान है।
5) आयुष्मान् भारत (प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना) प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY) के लिए महावीर कैंसर संस्थान का जब से चयन हुआ है, तब से हजारों मरीजों का इलाज हो चुका है।
⇒ इस योजना के तहत लाभार्थी को प्रतिवर्ष प्रति परिवार 5 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य लाभ मिलने का प्रावधान है।
⇒ कैंसर मरीज अपना राशन कार्ड एवं आधार कार्ड लेकर ब्लॉक 'ए' के द्वितीय तल पर कमरा नं० 222 में जाकर अपना गोल्डेन कार्ड निर्गत करवा सकते हैं। गोल्डेन कार्ड प्राप्त करने के पश्चात्, इलाज मुफ्त होता है।
⇒ भारत सरकार के इस योजना के तहत मरीजों के लिए विशेष ओ.पी.डी. की व्यवस्था की गयी है। इन्डोर सुविधा भी खासकर की गयी है ताकि इस योजना के तहत विशेष सुविधा उपलब्ध किया जा सके।
6) इण्डियन कैंसर सोसाइटी (आई.सी.एस.) कैंसर के मरीजों को आई.सी.एस. (इण्डियन कैंसर सोसाइटी) द्वारा प्राथमिक अवस्था में उपचार के लिए आर्थिक मदद की जाती है। इसकी प्रक्रिया कीमोथिरैपी विभाग में उपलब्ध है।
7) बंसी विद्या मेमोरियल ट्रस्ट दिल्ली : बंसी विद्या मेमोरियल ट्रस्ट दिल्ली द्वारा अस्पताल में भर्ती बच्चा मरीजों के एक अभिभावक को प्रतिदिन एक समय मुफ्त खाना खिलाया जाता है।
⇒ मुख्यमंत्री चिकित्सा राहत कोष द्वारा बोन मैरो ट्रान्सप्लांट यूनिट का निर्माण हो चुका है। जिन मरीजों को बोन मैरो ट्रान्सप्लांट की जरूरत होगी, उनके लिए यह यूनिट बनकर तैयार है।
⇒ टाटा मेमोरियल अस्पताल, मुम्बई के बोन मैरो ट्रान्सप्लांट विशेषज्ञ अपना योगदान दे चुके हैं।
⇒ यह यूनिट 'बी' ब्लॉक के 6 तल्ले पर स्थापित है।
⇒ बोन मैरो ट्रान्सप्लांट यूनिट के लिए भी मुख्यमंत्री चिकित्सा राहत कोष से पांच लाख तक मदद का प्रावधान है।
⇒ इस यूनिट में एक साथ दो मरीजों का बोन मैरो ट्रान्सप्लांट किया जा सकता है। इस यूनिट में डाक्टर एवं नर्सिंग स्टाफ के केबिन के बगल में 3 बेड वाला आई.सी.यू. भी बनाया गया है।
⇒ HOSPICE : पटना एम्स से पहले पटना औरंगाबाद मुख्य मार्ग पर बोचाचक में महावीर स्थान न्यास समिति की जमीन है, जिस पर कैंसर से पीड़ित बुजुर्गों एवं गंभीर मरीजों, जिनका कि परिवार उनकी देखभाल करने में असमर्थ है, उनके लिए महावीर मन्दिर न्यास समिति के सचिव आचार्य किशोर कुणालजी 100 कमरे का HOSPICE बनाने जा रहे हैं। माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी के सहयोग से यह कार्य भी जल्द ही प्रारम्भ हो जायगा।
⇒ HOSPICE के पास ही महावीर कैंसर संस्थान का एक विस्तारित अस्पताल का भी निर्माण किया जाएगा ।
आज महावीर कैंसर संस्थान अपनी उपर्युक्त सेवाओं के चलते गरीबों एवं जरूरतमंद कैंसर मरीजों के लिए एक आशा की किरण की तरह है, जिसमें प्रतिवर्ष हजारों मरीज विश्वास के साथ इलाज के लिए इस अस्पताल को प्राथमिकता देते हैं।
महावीर कैंसर संस्थान पटना में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की महत्त्वाकांक्षी योजना PM-JAY की शुरुआत के दो वर्ष पूरे हो गये। बिहार सरकार स्वास्थ्य विभाग के तत्त्वावधान में गठित बिहार स्वास्थ्य सुरक्षा समिति के सहयोग से इस योजना के तहत अस्पताल में रोगियों की चिकित्सा की गई है। बिहार राज्य के अलावे दूसरे राज्यों से भी आये हुए कैंसर मरीजों की चिकित्सा उपलब्ध करायी जा रही है। जिसमें झारखण्ड, उत्तरप्रदेश, छत्तीसगढ़ के मरीज शामिल हैं।
पहली वर्षगाठ के अवसर पर बिहार सरकार ने 'आयुष्मान भारत' योजना के तहत सर्वश्रेष्ठ सेवा प्रदान करने के लिए बिहार के एकमात्र गैर-सरकारी अस्पतालों में महावीर कैंसर संस्थान को पुरस्कृत किया है। पूरे देश में इस योजना को लागू करने के लिए महावीर कैंसर संस्थान का नाम शीर्ष 10 अस्पतालों में से एक है।
बिहार सरकार की ओर से पटना के अधिवेशन भवन में आयोजित “आयुष्मान भारत योजना के प्रथम वार्षिकोत्सव” में उप-मुख्यमंत्री श्री सुशील कुमार मोदी ने संस्थान के अधीक्षक डा० एल० बी० सिंह को “स्मृति चिह्न” प्रदान किया गया।
उक्त कार्यक्रम में माननीय स्वास्थ्यमंत्री श्री मंगल पाण्डेय, प्रधान सचिव श्री संजय कुमार, इस योजना के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी श्री लोकेश कुमार सिंह, राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक श्री मनोज कुमार सहित विभाग के सभी वरीय पदाधिकारी एवं बिहार के सभी जिलों से आये सिविल सर्जन एवं प्रमुख अस्पतालों से आये पदाधिकारीगण मौजूद थे। इस अस्पताल के संस्थापक एवं श्री महावीर स्थान न्यास समिति के सचिव आचार्य किशोर कुणालजी का विशेष आभार व्यक्त किया गया, जिन्होंने इस योजना को इस अस्पताल से जोड़ने के लिये हमेशा प्रेरित एवं सहयोग करते रहे। अस्पताल प्रशासन द्वारा आयुष्मान भारत योजना के अन्तर्गत इलाज करा रहे सभी गरीब मरीजों को बेहतर सेवा प्रदान की जा रही है।
महावीर कैंसर संस्थान में इलाज करा रहे मरीजों एवं उनके अभिभावकों के लिये कुछ जानकारी की बातें आवश्यक निर्देश
इस योजना के तहत लाभार्थी को प्रतिवर्ष प्रति-परिवार 5 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य लाभ मिलने का प्रावधान है।
⇒ कैंसर मरीज अपना राशन कार्ड एवं आधार कार्ड लेकर ब्लॉक 'ए' के द्वितीय तल पर कमरा नं० 222 में जाकर अपना गोल्डेन कार्ड निर्गत करवा सकते हैं। गोल्डेन कार्ड प्राप्त करने के पश्चात् अस्पताल में भर्ती होने पर इलाज मुफ्त होता है।
⇒ भारत सरकार के इस योजना को लागू करने के लिए महावीर कैंसर संस्थान में मरीजों के लिए विशेष व्यवस्था की गयी है।
⇒ इन्डोर सुविधा भी खासकर की गयी है, ताकि इस योजना के तहत भर्ती मरीजों को विशेष सुविधा उपलब्ध किया जा सके।
रक्त से सम्बन्धित कैंसर व अन्य कैंसर की गांठ वाले रोगियों को डे-केयर वार्ड में कीमोथिरैपी देने की सुविधा उपलब्ध है। कीमोथिरैपी देने के लिये इस विभाग के चिकित्सक एवं नर्सिग कर्मचारी विशेष रूप से प्रशिक्षित हैं। कैंसर रोगियों को कीमोथिरैपी चिकित्सा विश्वस्तरीय प्रोटोकॉल के तहत दी जाती है।
संस्थान का मेडिकल ऑन्कोलॉजी विभाग व्यस्ततम विभागों में से एक है। प्रतिदिन 300 से अधिक मरीजों को अस्पताल में कीमोथिरैपी दी जाती है। यह संख्या देश के टी.एम.एच. अस्पताल के समकक्ष ही
है।
शल्य क्रिया के लिये संस्थान में ग्यारह (11) वातानुकूलित अत्याधुनिक उपकरणों से सुसज्जित ऑपरेशन थियेटर हैं, जहां देश के प्रसिद्ध सर्जनों द्वारा ऑपरेशन की जाती है। जिसकी तारीफ यूरोप और अमेरिका के सर्जनों ने भी की है। इनके अतिरिक्त एक इण्डोस्कोपी थियेटर भी है।
इस संस्थान में कैंसर रोग से संबंधित लगभग सभी प्रकार के जटिल ऑपरेशन किये जाते हैं। ऑपरेशन के बाद मरीज को गहन चिकित्सा इकाई एवं पोस्ट ऑपरेटिव वार्ड में विशिष्ट देखभाल के लिये रखा जाता है।
संस्थान का रेडियोथिरैपी विभाग भी व्यस्ततम विभागों में से एक है। इस विभाग में दो हाई-एनर्जी लीनियर एक्सीलिरेटर मशीन, दो कोबाल्ट मशीन और एक हाईडोज ब्रेकीथिरैपी यूनिट भी कार्यरत है। यहां प्रतिदिन 300 से 400 मरीजों का इलाज किया जाता है।
कम्प्यूट्रीकृत ट्रीटमेंट प्लानिंग व्यवस्था के साथ पूर्ण सुसज्जित मोल्ड रूम की व्यवस्था है। साथ ही हाईपरथर्मिक मेडिसीन की भी सुविधा उपलब्ध है। विकिरण के दुष्प्रभावों को न्यूनतम रखते हुए उपचार किया जाता है।
पहला लीनियर एक्सीलिरेटर मशीन में अत्याधुनिक तरीके से मस्तिष्क के जांच के लिए बिहार सरकार द्वारा अनुदान दिया गया था तथा संस्थान द्वारा खरीदा गया दूसरा लीनियर एक्सीलिरेटर मशीन भी मरीजों की सेवा में समर्पित है।
आधुनिक उपकरणों से सुसज्जित इस विभाग का पूर्ण डिजीटलीकरण किया हुआ है। इस विभाग में स्पाईरल सी.टी. स्केन, कलर डॉपलर, सोनोग्राफी, मैमोग्राफी, ओ.पी.जी., 500 MAV एक्सरे, सी.टी. गाइडेड एफ.एन.ए.सी. एवं सोनो गाइडेड एफ.एन.ए.सी. की सुविधाएं उपलब्ध है।
इस विभाग में सी.-ए.आर.एम. यूनिट उपलब्ध हो गया है। इससे मरीजों को विशेष सुविधाएं उपलब्ध की जा रही है। यह सुविधा भारत भर में गिनेचुने अस्पतालों में ही उपलब्ध है।
कैंसर रोग से संबंधित विशिष्ट जांचें जैसे ट्यूमर मार्कर, इम्युनोहिस्टोकेमेस्ट्री, साईटोकैमेस्ट्री के साथ-साथ अन्य समस्त परीक्षण जैसे हिस्टोपैथोलॉजी, साईटोपैथोलॉजी, बायोकैमेस्ट्री एवं माईक्रोबायोलॉजी परीक्षणों की सुविधा आधुनिक उपकरण एवं मशीनों द्वारा उपलब्ध है।
यहां फ्रोजेन सेक्शन द्वारा रिपोर्टिंग भी शुरू कर दी गयी है, जिससे सर्जरी के दौरान ही ट्यूमर की जांच हो जाती है।
PET CT SCAN मशीन "मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष” से लगाया गया है। पूरे शरीर की यह जांच सिर्फ 12000 रू० में उपलब्ध है।
मुख्यमंत्री चिकित्सा राहत कोष के सहयोग से गामा-कैमरा की सुविधा भी उपलब्ध है। इससे बोन स्कैन, थायरायड स्कैन, लीवर, किडनी के विभिन्न न्युक्लियर इमेजिंग लगातार हो रहा है। थायरायड कैंसर मरीजों के लिए दो विस्तरों वाला हाईडोज रेट आयोडीनथिरैपी संभव है।
संस्थान में अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित एक दन्त चिकित्सा विभाग है। जहां रोगियों को आवश्यक डेन्टल सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं।
संस्थान में चर्मरोग एवं गुप्तरोग विभाग भी कार्यरत है जहां अत्याधुनिक इलाज किया जाता है। विभाग में अब स्कीन बायोप्सी भी की जाती है। जो घाव भड़नेवाले नहीं होते हैं और अल्सर का रूप ले लेता है उसकी Autologus PRF भी की जाती है।
संस्थान में अत्याधुनिक उपकरणों से लैस आई.सी.यू. कार्यरत है। जहां मरीजों को बेहतर सुविधा प्रदान की जाती है। अभी-अभी 50 बेड का एक नया अत्याधुनिक आई.सी.यु. संस्थान के 'बी' ब्लॉक में बनकर तैयार है जिससे गंभीर मरीजों के इलाज में और भी सुविधा मिलेगी।
संस्थान में अत्याधुनिक ब्लड बैंक है जो सेल्स-सेपरेटर मशीन से लैस है जहां प्लेटलेट भी तैयार किया जाता है जिसका कैंसर के इलाज में अत्याधिक महत्व है। रक्त की आपूर्ति के लिये विभिन्न स्थानों पर रक्तदान शिविरों का
आयोजन किया जाता है। रक्तदान शिविरों के आयोजन हेतु विशेष रूप से तैयार वातानुकूलित मोबाईल वैन है जिसमें रक्तदान एवं संग्रहण की पूरी व्यवस्था है। ब्लड बैंक अत्याधुनिक उपकरणों से सुसज्जित है जिनके द्वारा रक्त के विभिन्न घटकों को अलग कर रोगी को आवश्यकतानुसार दिये जाते हैं। इस संस्थान में इलाज करा रहे कैंसर मरीजों को सिर्फ 100 रु. में रक्त दिया जाता है, जो कि देश में सबसे कम है।
संस्थान के ब्लड बैंक में Automatic Cell Separator (Apheresis Machine) की अत्यंत आवश्यकता थी जो उपलब्ध हो गया है। अब आवश्यकतानुसार मरीजों का विभिन्न प्रकार के सेल्स मुहैय्या किये जा रहे हैं।
कोरोना वायरस (COVID - 19) मरीजों के लिए प्लाज्मा बैंक की स्थापना की गयी है।
भारत सरकार से मान्यता प्राप्त यहां डी.एन.बी. की पढ़ाई भी होती है। इतना ही नहीं इस संस्थान से कई तरह का सर्टिफिकेशन कोर्स भी चलाया जा रहा है। जिसे विभिन्न यूनिवर्सिटी द्वारा मान्यता प्राप्त है। वर्तमान में डी.एन.बी. कोर्स में 14 और रेडियोथिरैपी विभाग में 17 छात्र डी.आर.टी. कोर्स में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं।
महावीर कैंसर संस्थान एवं शोध केन्द्र, एन.सी.आर.पी. से पिछले एक दशक से जुड़ा हुआ है। इसका योगदान देश के कैंसर रजिस्ट्री के लिये बहुत महत्वपूर्ण हैं।
संस्थान का शोध-विभाग का ICMR भारत सरकार और बिहार सरकार के विज्ञान एवं तकनीकी विभाग से मान्यता प्राप्त है।
कैंसर मरीजों की संख्या में लगातार हो रही वृद्धि को देखते हुए संस्थान में एक कैंसर प्रिवेन्शन एण्ड कंट्रोल विभाग भी कार्यरत है। इस विभाग द्वारा किये गये कार्य, कैंसर के प्रति जागरूकता एवं प्रारम्भिक अवस्था में ही कैंसर रोग की जांच, कैंसर रोगों की रोकथाम एवं उपचार में सहायक हैं।
संस्थान में एक लाइब्रेरी है जो मेडिकल से संबंधित किताबों एवं पत्रिकाओं से लैस है
मरीजों का निबंधन सिर्फ 5 रूपया में होता है और सिर्फ एक बार ही निबंधन कराना पड़ता है।
संस्थान में इलाज कराने आये राज्य के गरीब एवं अल्प-आय के लोगों के लिये संस्थान ने 80 कमरे का सारे सुविधाओं से लैस एक धर्मशाला है जो संस्थान से लगभग आधा किलोमीटर की दूरी पर है। जहां नाम मात्र का शुल्क लेकर कैंसर मरीजों एवं उनके परिजनों को कमरा दिया जाता है। मरीजों की भीड़ को देखते हुए MP LAD Fund से दूसरे धर्मशाला का काम पूरा हो जाने के बाद, 11 कमरे अब मरीजों के लिए उपलब्ध कर दिये गये हैं।
कैंसर रोग से संबंधित सभी प्रकार की दवाइयाँ संस्थान परिसर में स्थित फार्मेसी पर एम.आर.पी. से भी काफी कम दरों पर उपलब्ध कराई जा रही है।
संस्थान परिसर में ही मरीज एवं उनके परिजनों के लिये कैंटीन की सुविधा उपलब्ध हैं। संस्थान में भर्ती मरीजों को नास्ता, दिन का खाना एवं रात का खाना मुफ्त में दिया जाता है। मरीजों के साथी को 30 रूपये में भोजन कराने का प्रावधान है।
यहां 24 घण्टे ऐम्बुलेन्स सेवा उपलब्ध है। कैंसर मरीजों एवं उनके परिजनों के लिये बस की सुविधा बाजार से कम मूल्य पर उपलब्ध कराई गयी है जो पटना जंक्शन
से महावीर कैंसर संस्थान और महावीर कैंसर संस्थान से पटना जंक्शन सुबह 8 बजे से शाम 7 बजे तक फेरे लगाती रहती है। एम्बुलेंस से काफी सस्ते दरों पर मरीजों को राज्य के विभिन्न हिस्सों में भेजने का प्रावधान है।
कैंसर चिकित्सा के लिए 20 महत्त्वपूर्ण सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाएँ अनुबंधित है एवं इनसे संबंधित कर्मचारी यहाँ मुफ्त इलाज करवाकर लाभान्वित हो रहे हैं।
महावीर मन्दिर द्वारा संचालित अन्य आरोग्य संस्थान के बारे में जानें :
महावीर आरोग्य संस्थान
महावीर वात्सल्य हॉस्पिटल
महावीर नेत्रालय
महावीर हृदय अस्पताल